स्टोरी हाइलाइट्स
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- पीएम मोदी बोले- स्थिति पर केंद्र की पूरी नजर
Assam Flood 2022: . राज्य में लोगों की और जान चली गई, जिसके बाद बाढ़ मरने वालों की कुल बढ़कर 108 पर पहुंच गई है. मुख्यमंत्री हिमंता सरमा लगातार बाढ़ की स्थिति पर करीब नजर बनाए हुए हैं. बीते दिन बाढ़ से प्रभावित सिल्चर का हवाई दौरा. 30 जिलों के 35 लाख से लोग बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित. हालांकि, एक दिन पहले यह आंकड़ा 32.
राज्य में की मौजूदा स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा केंद्र असम में बाढ़ की स्थिति पर नजर रख रहा है और चुनौती से निपटने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा रहा. उन्होंने कहा, “सेना एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में हैं. वे बचाव अभियान रहे हैं और प्रभावित की मदद कर रहे हैं.
सात और मौतों के बाद मरने वालों का आंकड़ा बढ़ा
न्यूज एजेंसी के अनुसार, सात नई मौतें-कछार और से दो-दो बजली, धुबरी और जिलों से एक-एक रिपोर्ट की गई थीं. अब तक कुल 108 लोगों की मौत चुकी है.अधिकांश प्रभावित जिलों बाढ़ की स्थिति बनी है क्योंकि कुछ जगहों पानी कम होने के बावजूद जमीन जमीन के बड़े हिस्से में में पानी भर भर गया है. हवाई सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने बराक घाटी क्षेत्र बाढ़ की स्थिति की की और घोषणा की कि वहां लोगों को निकालने के लिए सेना की अतिरिक्त टुकड़ियां सिल्चर सिल्चर कस्बे में में भेजी भेजी.
मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कछार जिले के सिल्चर संवाददाताओं से कहा, “एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना अन्य एजेंसियां बचाव अभियान चला रही. लेकिन फंसे हुए लोगों को निकालने निकालने के लिए सेना सेना की अतिरिक्त टुकड़ियां कल.” हालांकि, उन्होंने यह बताया कि कितने कॉलम तैनात किए जाएंगे. सरमा ने कि भोजन, पानी की बोतलें अन्य आवश्यक वस्तुओं के 30 पैकेट गुरुवार भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा बाढ़ सिलचर के विभिन्न स्थानों पर गिराए गए और यह अगले अगले कुछ कुछ दिनों तक जारी जारी.
बाढ़ के चलते सड़क-पुल पर भी असर
बता दें कि बाढ़ से असम में भारी नुकसान भी हुआ है. बाढ़ ने 173 सड़कों और 20 पुलों को भी कर दिया है, जबकि बक्सा और जिलों में दो तटबंध टूट हैं और तीन क्षतिग्रस्त हो गए गए हैं. बाढ़ की इस लहर में में 100869.7 हेक्टेयर फसल क्षेत्र और 33,77,518 जानवर प्रभावित हैं जबकि 84 जानवर दिन में बह गए. बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, धुबरी, कोकराझार, लखीमपुर, मोरीगांव, नलबाड़ी, सोनितपुर, तामूलपुर और से भी बड़े पैमाने पर कटाव की जानकारी है.
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