Yogi Adityanath Birthday: लेकिन पूरा सूबा और देश उनके जन्मदिन पम प्रदेश के खास हिस्सों में लोग अलग तरीके से जन्मदिन मना रहे हैं।।
5 जून 1972 को पैदा हुए थे योगी आदित्यनाथ
मुख्य बातें
- 5 जून 1972 को पौड़ी के पंचूर में योगी आदित्यनाथ का जन्म था था
- 1992
- करीब पांच बाद सियासी पारी की शुरुआत और समय दूसरी बार यूपी के सीएम बने
CM Yogi Adityanath Birthday: उत्तराखंड का गढ़वाल तब उत्तर प्रदेश का हिस्सा हुआ करता।। यूपी के जिले में पंचूर गांव में पांच जून 1972 को शख्स ने आंखें खोली जिसे सिंह बिष्ट के नाम से जाना गया।। लेकिन अजय सिंह बिष्ट की नसीब में कुछ खास लिखाथा Of him लेकिन उनकी प्रतिभा आगे के सफर की स्क्रिप्ट लिख रही।। 1972. से लेकर 1992. लेकिन उसी एक भाषण प्रतियोगिता में गोरखनाथ पीठ महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह पर पड़ी और वो पूछ कि क्या तुम गोरखपुर चलोगे।। यह बात बातों तक सीमित नहीं रही। जैसे अजय बिष्ट के प्रारब्ध में लिखा था पहाड़ की सांसारिक दुनिया से उन्हें कुछ खास काम के लिए बनाया।।
पंचूर से गोरखपुर और गोरखपुर से लखनऊ
1992 में गोरखपुर के पहले अवैद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ (अजय बिष्ट बिष्ट) कई दफा मुलाकात हुई। 1990 के दशक जब राममंदिर आंदोलन का आगाज हुआ अवैद्यनाथ आंदोलन के अगुवा बने। धीरे धीरे जुलने का सिलसिला चल पड़ा और 1992 में अजय बिष्ट हमेशा हमेशा के पहाड़ को अलविदा कह दिया। वो मैदानी इलाके का हिस्सा बन गए। सांसारिक दुनिया से इतर संन्यास की राह पकड़ ली। लेकिन मठ आंगन में राजनीति को भी वो करीब देख रहे थे क्योंकि उनके अवैद्यनाथ राजनीति में सक्रिय रूप भागीदारी कर रहे थे।। महंत अवैद्यनाथ तबीयत जब खराब रहने लगी तो आदित्यनाथ ने मठ की कमान संभाली।
इस तरह सियासत में एंट्री
महंत अवैद्यनाथ जब सक्रिय राजनीति को अलविदा कहा तो जगह के स्वाभाविक तौर पर दावेदार बने और गोरखपुर से संसदीय संभालने लगे लगे। गोरखपुर के के तौर पर उन्होंने पूर्वांचल में बाढ़ होने वाली तबाही को तो इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों दर्द को भी महसूस किया और उसका उदाहरण भारत की की संसद बनी बनी।।।।।।।। बनी बनी बनी बनी बनी योगी आदित्यनाथ सियासी पारी में कुछ नया और बड़ा होने था।। समय का चक्र धीरे धीरे 2017 देश के बड़े सूबों में से एक यूपी के लिए तैयार था।
समाजवादी पार्टी दमखम के साथ सरकार बनाने का दावा कर थी।। लेकिन जब नतीजे आए तो हैरान करने वाले थे। बीजेपी दमदार अंदाज में अपनी मौजूदगी दर्ज करा ची . अलग अलग के बीच एक नाम सामने आया वो नाम था योगी आदित्यनाथ का। योगी आदित्यनाथ के सीएम की कुर्सी पर आसीन हो चुके।। और पांच साल बाद एक बार फिर वो यूपी की कमान संभता र सियासत के सफर में योगी आदित्यनाथ का आखिरी पड़ाव होगा वो भविष्य के गर्भ में।। लेकिन 1972 से 1992, 1992 से लेकर तक के सफर को देखें तो बात साफ नजर आती है।। सांसारिक दुनिया संन्यासी की दुनिया और अब सियासत की दुनिया में उन्होंने साबित कर है कि उनके शब्दकोश में शब्द नहीं लिखा है।।
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