स्टोरी हाइलाइट्स
- अगस्त 2017 में CBI ने दर्ज किया था केस
- CBI के बाद ED ने दर्ज किया था मुकदमा
- करोड़ों रुपये की हेराफेरी से जुड़ा है मामला
Satyendar Jain Arrest: दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ed) ने गिरफ्तार लिया है. उन्हें मनी के मामले में गिरफ्तार किया गया. ये पूरा करीब 5 करोड़ रुपये की हेराफेरी से जुड़ा है.
सत्येंद्र जैन जिस मामले में गिरफ्तार किया गया, वो 5 साल पुराना. लिहाजा, उनकी गिरफ्तारी . आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा है कि जिन कंपनियों का नाम आया है, उनसे सत्येंद्र ने मार्च 2013 में इस्तीफा दे दिया था. पार्टी ने किया है कि पूछताछ में ed को कुछ नहीं था, लेकिन अब हिमाचल के चुनाव से पहले इस को फिर उठाया जा जा रहा है.
दिल्ली के डिप्टी मनीष सिसोदिया सिसोदिया सिसोदिया मनीष मनीष मनीष सिसोदिया सिसोदिया सिसोदिया सिसोदिया सिसोदिया सिसोदिया निराधार केस केस में गिरफ्तार गया गया है और वो जल्द जल्द ही इससे बरी बरी हो जाएंगे. उन्होंने आरोप हुए दावा किया कि 2018 में ed ने जैन को 7 बार समन था, लेकिन उन्हें कुछ नहीं और जैसे ही आम आदमी पार्टी ने उन्हें हिमाचल का प्रभारी प्रभारी बनाया बनाया बनाया बनाया बनाया बनाया बनाया बनाया बनाया बनाया बनाया प्रभारी प्रभारी प्रभारी का का हिमाचल हिमाचल हिमाचल हिमाचल उन्हें उन्हें उन्हें उन्हें उन्हें उन्हें उन्हें उन्हें उन्हें उन्हें ने ने ने ने पार्टी
57 साल के जैन दिल्ली की अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ अहम विभाग संभालते संभालते. इस साल आखिरी में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने. पंजाब में के बाद अब आम आदमी पार्टी हिमाचल में भी जीत की उम्मीद.
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ये मामला है क्या?
– 24 अगस्त 2017 को CBI ने सत्येंद्र और अन्य लोगों के खिलाफ ipc की धारा 109 और ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. ये मामला आय से अधिक संपत्ति का था.
– दिसंबर 2018 में CBI ने चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें बताया कि 2015 से 2017 के बीच पद रहते हुए सत्येंद्र जैन की में इजाफा हुआ है. CBI ने बताया सत्येंद्र जैन के पास उनके ज्ञात स्रोत हुई कमाई से 200 फीसदी से ज्यादा संपत्ति.
– CBI की FIR के आधार पर ed ने भी सत्येंद्र के खिलाफ केस दर्ज किया. Ed ने अपनी में कथित तौर पर पाया कि जैन और उनके परिवार के हक और नियंत्रण वाली कंपनियों को के जरिए पैसा मिला. इसका इस्तेमाल जमीन खरीदने के लिए किया गया.
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का केस, क्रोनोलॉजी समझिए
– चार हैं- पर्यास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स लिमिटेड, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड. इन कंपनियों सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के सदस्य शेयरहोल्डर्स.
– Ed से जुड़े ने बताया कि विधायक बनने से सत्येंद्र जैन इनमें से कंपनियों में डायरेक्टर थे, जबकि सभी कंपनियों में उनके परिवार परिवार की हिस्सेदारी थी.
– इन कंपनियों 2010 से 2012 के बीच 11.71 करोड़ रुपये की रकम हेराफेरी की. इसके अलावा 2015-16 में जब सत्येंद्र विधायक थे, तब 4.63 करोड़ रुपये की हुई.
– जानकारी के, सत्येंद्र जैन ने कर्मचारियों और एसोसिएट्स के जरिए ये पैसा नकद में कोलकाता शेल कंपनियों के एंट्री ऑपरेटर्स को दिया. इसके बाद ऑपरेटर्स ने इन्वेस्टमेंट के रूप में पैसे को इन चारों कंपनियों में.
– इन कंपनियों पर कथित तौर पर सत्येंद्र जैन का था. हालांकि, 2013 में विधानसभा का चुनाव लड़ने से पहले इन कंपनियों के डायरेक्टर के से इस्तीफा दे दिया था.
– बाद यही पैसा शेल कंपनियों के जरिए खरीदने के लिए इन्वेस्टमेंट के रूप आया. इस पैसे से 2010-11 और 2013-14 में 27.69 करोड़ रुपये खेती की जमीन खरीदी गई थी.
सियासत तेज, जैन को हटाने की मांग
. बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ने सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से हटाने की की है.
न्यूज एजेंसी मुताबिक, दिल्ली बीजेपी के आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद हमेशा ईमानदारी की बात हैं, लेकिन लोग जानना चाहते हैं कि सत्येंद्र सत्येंद्र जैन को कैबिनेट से कब कब निकाला जा जा रहा है
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने जैन की गिरफ्तारी सही कदम बताया है. उन्होंने कहा सत्येंद्र जैन को बहुत पहले ही गिरफ्तार हो चाहिए था. .
बीजेपी सांसद तिवारी ने तो अरविंद केजरीवाल से ही इस्तीफा है. उन्होंने दावा कि ed ने जैन को करने से पहले सबूत इकट्ठे किए और अब नैतिक जिम्मेदारी हुए केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
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