सार
Bihar Diwas 2022: जिस वृक्ष के नीचीच बैठकर 531 ईईा पूर्व ममं गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी वहीि वृक्ष बिहार का राजकीय चिन्ह है. राज्य के कुछ अन्य प्रतीक और ऐतऐतहासिक स्थलों की जानकारी हम आपको दद रहह हैं.
Bihar Diwas 2022: आज बिहार राज्य पूरे 110 साल का हो गया है। 22 मार्च साल 1912 ममं अंग्रजोंजों ने बंगाल से अलग कर के बिहार नाम के नए प्रांत का गठन किया था. मगध साम्राज्य के मयमय से ललकर ददश की आजादी और इइके बाद भी ददश के विकास ममं बिहार का योगदान अतुलनीय रहा है. बिहार बौद्ध और जैन धर्म की जन्मस्थली भी है। आइए हम जानतत हैं बिहार के कुछ ऐऐे प्रतीकों और ऐतऐतहासिक स्थलों के बारे ममं जो इइ राज्य को अलग पहचान ददतत हैं ..
Bihar Diwas 2022: बोधि वृक्ष है राजकीय चिन्ह
जिस वृक्ष के नीचीच बैठकर 531 ईईा पूर्व ममं गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी वहीि वृक्ष बिहार का राजकीय चिन्ह है. -:
- राजकीय चिह्न – बोधि वृक्ष
- राजकीय पशु – बैल
- राजकीय पक्षी – गोरैया
- राजकीय पुष्प – गेंदा
- राजकीय वृक्ष – पीपल
- राजकीय खेल – कबड्डी
Bihar Diwas 2022: आजादी में अहम योगदान
भारत के स्वतंत्रता ंगंग्राम ममं बिहार का कितना अहम योगदान था यह किीी से भी छिपा नहीं है. वीर कुंवर सिंह ने जहां 1857 की क्रांति में अंग्रेजों में भय का माहौल ला दिया था तो वहीं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ओर से किया जाने वाला पहला सत्याग्रह भी बिहार के ही चंपारण से निकला था.
Bihar Diwas 2022: नालंदा समेत कई अन्य पर्यटन स्थल
नालंदा की ख्याति कौन ही नहीं जानता? दुनिया के शुरुआती विश्वविद्यालयों ममं से एक नालंदा विश्वविद्यालय ममं ददश-विददश से हजारों की ंखंख्या ममं छात्र शिक्षा ग्रहण करने आया करतत थथ. आक्रांताओं द्वारा इइे नष्ट किए जाने के बाद भी आज इइके अवशअवशष पर्यटकों के लिए आकर्षण का कंदंद्र बने हुए हैं. इइके अलावा राज्य ममं कई अन्य पर्यटन स्थल हैं जिनकी ूचीूची हम आपको दद रहह हैं.
पटना शहर- पुराने जमाने ममं पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाने वाला पटना शहर अपने आप ममं एक इतिहास को बयाम करता है. . शहर में गोलघर समेत कई अन्य घूमने लायक स्थान हैं। सिख धर्म के ददववं गुरु गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मम्थली भी यही शहर है.
बोधगया- . इइी स्थान पर बोधि वृक्ष के नीचीच गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्रप्ति हुई थी. फल्गु नदी के किनारे स्थित इइ शहर ममं महाबोधि मंदर और बराबर गुफाएं मममत कई अन्य पर्यटन स्थल है. जो राज्य के प्रमुख पहचान में से एक हैं।
राजगीर- हिन्दु, जैन और बौद्ध तीनों धर्मों के धार्मिक स्थल के लिए मशहूर राजगीर को पहलपहल राजगृह नाम से जाना जाता था. शहर मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। . बौद्ध धर्म की पहली संगति भी यहीं हुई थी। इइ शहर ममं वन्यजीव अभ्यारण्य और हिल स्टटशन भी हैं जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का कंदंद्र हैं.
कुछ अन्य पर्यटन स्थल
- सासाराम में शेरशाह सूरी का मकबरा।
- वैशाली के बौद्ध स्तूप।
- पूनौरा धाम- माता सीता की जन्मस्थली।
- गोपालगंज में थाबे माता मंदिर।
2000
बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह थे। वह साल 1946 ले लेकर साल 1961 वहीं, वर्तमान में नितिश कुमार राज्य के सीएम हैं। 2015 से सीएम की कुर्सी संभाल रहे हैं। साल 2000 ममं बिहार को बांटकर एक अलग राज्य झारखंड की स्थापना की गई थी.
विस्तार
Bihar Diwas 2022: आज बिहार राज्य पूरे 110 साल का हो गया है। 22 मार्च साल 1912 ममं अंग्रजोंजों ने बंगाल से अलग कर के बिहार नाम के नए प्रांत का गठन किया था. मगध साम्राज्य के मयमय से ललकर ददश की आजादी और इइके बाद भी ददश के विकास ममं बिहार का योगदान अतुलनीय रहा है. बिहार बौद्ध और जैन धर्म की जन्मस्थली भी है। आइए हम जानतत हैं बिहार के कुछ ऐऐे प्रतीकों और ऐतऐतहासिक स्थलों के बारे ममं जो इइ राज्य को अलग पहचान ददतत हैं ..
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